हल्द्वानी। भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया मे उत्तराखंड की लोकसंस्कृति की अलग पहचान है. इस अनूठी संस्कृति को हमेशा जीवंत बनाए रखने के लिए अब एक और संस्था ने कदम बढ़ाए हैं. अपनी धरोहर नामक इस संस्था न केवल लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने के काम शुरू कर दिया है, बल्कि राज्य की धरोहरों को संरक्षित करने के साथ ही रोजगारोन्मुख बनाने का संकल्प भीलिया है. पिछले दिनों गाेलज्यू संदेश यात्रा निकालकर अपने उद्देश्यों को भी स्पष्ट किया और लोगों के सम्मुख अपनी बात रखते हुए सरकार काे भी जगाने का काम किया.
संस्था के पहले अध्यक्ष बने आइपीएस गणेश सिंह मर्तोलिया
संस्था की स्थापना जुलाई 2021 को हुई थी. इसके पहले अध्यक्ष बने सेवानिवृत आइपीएस गणेश सिंह मर्ताेलिया (Re. IPS Ganesh Singh Martoliya) है. अब वह उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग यूकेएसएसएससी( Chairman UKSSSC) के अध्यक्ष हैं. इसके सचिव विजय भट्ट ( Secretery Vijay Bhatt) हैं. इससे उत्तराखंड की तमाम हस्तियां जुड़ी हैं जो लोक संस्कृति ( Folk) के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहे हैं.
अब सेवानिवृत आइएफएस डा. विनोद कुमार बने अध्यक्ष
गणेश सिंह मर्तोलिया के बाद संस्था में अध्यक्ष पद रिक्त हो गया था. इसके बाद संस्था ने सेवानिवृत आइएफएस डॉ. विनोद कुमार (Re. IFS Dr. Vinod Kumar) अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंप दी है. डा. विनोद भारतीय वानिकी अनुसंधान और शिक्षा परिषद के महानिदेशक रह चुके हैं. साथ ही कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं.
16 जुलाई से हुई थी संस्था के कार्यों की शुरुआत
6 जुलाई 2021 हरेले पर्व पर समस्त धार्मिक स्थलों में एक ड्रेस एक बैनर के तहत एक ही समय पर सामूहिक पौधरोपण का आयोजन हुआ. पर्यावरण ( Envirnment) संरक्षण की दिशा में संस्था का यह महत्वपूर्ण कदम था. साथ ही यह संस्था का पहला आयोजन था. इसके बाद ही संस्था पूरी तरह सक्रिय हो गई. 25 अप्रैल 2022 को श्री गोलज्यू संदेश यात्रा की तैयारी के लिए जिला सम्मेलन आयोजित होने लगे.
2200 किलोमीटर की गोलज्यू संदेश यात्रा
अपनी धरोहर (Apni Dharohar) संस्था ने 2200 किमी की श्री गोल्ज्यू संदेश यात्रा निकाली. यह यात्रा सेवानिवृत पुलिस महानिरीक्षक गणेश सिंह मर्तोलिया के नेतृत्व में निकाली गई. सचिव विजय भट्ट बताते हैं, संस्था अपने सबसे बड़े उद्देश्यों के लिए निकल चुकी थी. हमने यात्रा को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखा. कुमाऊं व गढ़वाल दोनों मंडलों में यात्रा निकाली गई. गोलज्यू संदेश यात्रा का मतलब ही स्पष्ट था कि हम लोग राज्य के लोकदेवता के नाम से यह यात्रा निकाल रहे हैं, इसका उद्देश्य ही लोकसंस्कृति को आगे बढ़ाना है. सामाजिक न्याय की अवधारणा को स्पष्ट करना है.
हमें ऐसे लोग भी भी मिले, जो धरातल पर लोकसंस्कृति को लेकर बेहतरीन कार्य कर रहे हैं. हम उन्हें राज्य व देश स्तर पर बड़े मंच पर लाना चाहते हैं. साथ ही एेसे लोगों को उन्हीं के काम से रोजगार मिल सके, इसके लिए भी पहल की जा रही है. साथ ही पर्वतीय जिले के गांवों को गोद लेकर वहां पर शिक्षा व संस्कृति को लेकर भी काम करने का संकल्प लिया गया है.
संस्था की भविष्य की योजनाएं
संस्था के सचिव विजय भट्ट का कहना है कि जनवरी, 2023 में दिल्ली में प्रवासी उत्तराखंडी सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा. इसके बाद गोलज्यू संदेश यात्रा के पड़ावों पर कार्यक्रम करने के साथ ही नेपाल यात्रा का आयोजन होना है. विजय बताते हैं, जिस तरीके से संस्था अपने कार्यों के साथ आगे बढ़ रही हैं लोग भी जुड़ रहे हैं.