स्वास्थ्य

बरसात में त्रिकटु व गिलाए से ऐसे बढ़ाए प्रतिरोधक क्षमता, नहीं होगा डेंगू

Ayurveda : Dengue, Viral Fever, Flu

Ayurveda: हल्द्वानी। बरसात के मौसम में खूब मस्ती का मन होता है। लगता है कि बारिश में पूरी तरह डूब कर आनंद लिया जाए। यह तो बिल्कुल सही है लेकिन थोड़ी सी लापरवाही हमें मुश्किल में डाल देती है। आयुर्वेद कहता है कि यह मौसम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अधिक संवेदनशील होता है। इसमें हमारी प्रतिराेधक क्षमता कम हो जाती है और वातावरण भी दूषित रहता है। इसलिए थोड़ी सी सावधानी बरतने पर आप वायरल फीवर ( Viral Fever), डेंगू (Dengue), फ्लू( Flu) जैसी बीमारियों से बचे रह सकते हैं।

काय चिकित्सा अस्पताल के वरिष्ठ कायचिकित्सा व आयुर्वेद विशेषज्ञ डाॅ. एनके मेहता (Dr NK Mehta) 30 वर्षों से अधिक समय से आयुर्वेद के क्षेत्र में काम कर रहे हैं। जटिल बीमारियों का भी इलाज कर चुके हैं। डा. मेहता बताते हैं कि इस मौसम में हमारी इम्युनिटी (Imunity) सबसे कम और वातावरण सबसे अधिक दूषित रहता है। शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।

वर्षा ऋतु में जल व वायु दोनों प्रदूषित हो जाते हैं। यह दोनों जीवन के अभिन्न अंग है। वायु प्रदूषण के चलते चलते विभिन्न प्रकार के वायरस- बैक्टीरिया हमारे अंदर अलग-अलग तरीके से प्रवेश कर जाते हैं। वायु दूषित होने से सर्दी, जुकाम, फ्लू, इंनफ्लुएंजा, निमोनिया रोग पैदा होने लगते हैं। दूषित जल की वजह से पेट संबंधी परेशानियां टायफायड, पीलिया आदि बढ़ जाती हैं। यह स्वाभाविक प्रक्रिया है। हर वर्ष ऐसा होता है। इसलिए हमें यह मान लेना चाहिए कि वर्षा ऋतु शुरू होते ही हमें इन बीमारियों से निपटने को लेकर सचेत हो जाना चाहिए।

ऐसे बढ़ाएं अपनी प्रतिरोधक क्षमता

डाॅ. मेहता बताते हैं आयुर्वेद में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कई तरह के रसायन हैं। जिन्हें पहले से सेवन किया जा सकता है। इसके लिए अपने आयुर्वेद विशेषज्ञ (Ayurveda Expert) से परामर्श ले सकते हैं। भीड़ में जाएं तो मास्क का उपयोग करें। घर पर ही गिलाेय को उबालकर स्वयं भी पिएं और पूरे परिवार को भी पिलाएं। ये दो तरह का काम करती है। एक तो इम्यूनिटी को बढ़ाती है और यह एंटीबायोटिक (Antibiotic) की तरह भी काम करती है। इस तरह त्रिकटु है। सौंप, काली मिर्च व पीपल को उबालकर पिएं। इसे चाय के रूप में भी पी सकते हैं। यह एंटीवायरल की तरह काम करता है। यह भूख को बढ़ाता है और पाचन शक्ति को भी बढ़ाता है।

ज्वर में षडंग पानी पीने से होगा ये लाभ

डॉ. एनके मेहता के अनुसार छह जड़ी-बूटियों के पानी को षडंग पानी कहते हैं। इसमें मोथा, पित्तपापड़ा, उशीर (खस), चंदन, सौंठ, धनिया शामिल है। इनको उबालकर पानी पिएं। यह भूख को दुरुस्त करता है। डिहाइड्रेशन को रोकता है। बुखार है तो इसे दिन में दो बार ले सकते हैं। इस तरह के पानी पीने से आपको मन न होने पर कुछ समय के लिए भोजन लेने की भी जरूरत नहीं होती है।

जानें इन बातों को

– मच्छरों को न पनपने दें

– घर से लेकर आसपास सफाई रखें

– पानी उबालकर ही पीएं

– बाहर का भोजन लेने से बचें

– तली-भुनी चीनें का सेवन न करें

– डिब्बाबंद भोजन से बचें

– घर पर ही सुपाच्य भोजन ग्रहण करें

डिस्क्लेमर : यह शिक्षाप्रद कार्यक्रम स्वास्थ्य जागरूकता के लिए है। इलाज के लिए आप अपने डाक्टर से संपर्क करें।

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