मधुमेह यानी डायबिटीज से ग्रस्त हैं तो दवा से पहले आजमाइए ये कारगर नुस्खे, जानें तीन विशेषज्ञों की राय
World Diabetes Day
World Diabetes Day : प्रसन्नचित्त डेस्क। कितना ही दवा खा लें और इंसुलिन का भी इस्तेमाल करते रहें, लेकिन लाइलाज बीमारी मधुमेह (Diabetes) तब तक ठीक नहीं हो सकता है, जब तक आप कुछ खास नुस्खे नहीं अपनाते हैं. ये नुस्खे आपको पता भी होंगे, लेकिन आप जाने-अंजाने में भूल जाते हैं या फिर कोई बहाना बनाकर इनका इस्तेमाल नहीं करते हैं जो बाद में आपके लिए घातक साबित होने लगता है. इसलिए समय रहते इन चार नुस्खों को अपने जीवन में उतार लेंगे तो मधुमेह की दवा लेने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. ऐसा दुनिया के लगभग हर डाक्टर का मानना है. 14 नवंबर विश्व मधुमेह दिवस ( World Diabetes Day) पर आइए जानते हैं विशेषज्ञों की राय…
पहला, खानपान( Fooding) है. खानपान के बारे में हम सभी जानते हैं, इसमें नया क्या है. हल्द्वानी नैनीताल के वरिष्ठ डायबिटोलाॅजिस्ट व काय चिकित्सा विशेषज्ञ डा. एनके मेहता बताते हैं, अगर शुगर लेवल ( Suger level)बढ़ता या घटता है तो इसका सीधा संबंध आपके खानपान से है. ऐसा इसलिए कि जंक फूड, फास्ट फूड, पैक्ड फूड, मीट आदि का सेवन जरूरत से ज्यादा करते हैं तो यह आपके शुगर का लेवर गड़बड़ा देता है, जो मधुमेह का कारण बन जाता है. इसलिए जरूरी है संतुलित आहार. बुजुर्गों ने भी यही नुस्खा बताया है कि अगर भोजन आपका संतुलित, पौष्टिक और ताजा होगा तो आप तन से ही नहीं, बल्कि मन से भी स्वस्थ रहेंगे। साथ ही भोजन का नियमित समय होना चाहिए.
दूसरा, व्यायाम (Exercise)है. हल्द्वानी नैनीताल के वरिष्ठ डायबिटोलॉजिस्ट डा. नीलांबर भट्ट कई वर्षों से डायबिटीज के मरीजों का उपचार कर रहे हैं. उनका कहना है कि व्यायाम यानी कसरत का कोई विकल्प नहीं है. अगर आप नियमित एक या दो घंटे ठीक से योग, व्यायाम, दौड़ना या फिर खेलकूद पर ध्यान देते हैं तो मधुमेह होने की आशंका बहुत कम हो जाएगी. कह सकते हैं कि मधुमेह होगा भी तो नियंत्रित हो जाएगा. इसलिए जरूरी है कि व्यायाम के प्रति जागरूकता है. जब स्वस्थ रहेंगे तो फिर दवा की जरूरत ही कहां रहेगी, लेकिन लोग कुछ दिन व्यायाम करते हैं और फिर आलस्य के चलते छोड़ देते हैं. यही बीमारी बढ़ने का कारण भी है.
तीसरा, निष्क्रिय जीवनशैली( Sydentry Lifestyle) है. रुद्रपुर ऊधम सिंह नगर के वरिष्ठ डायबिटोलाॅजिस्ट डा. अभिषेक गुप्ता भी मधुमेह रोगियों को दवा से पहले जागरूक करने पर जोर देते हैं. उनका कहना है कि अगर जीवनशैली निष्क्रिय है तो व्यक्ति डायबिटीज होने के हाइ रिस्क ग्रुप में है. निष्क्रिय जीवनशैली वाला व्यक्ति हर समय थका-थका रहेगा. शरीर के साथ ही उसका दिमाग भी निष्क्रिय होने लगेगा. अगर वह मधुमेह से ग्रस्त हो गया तो बीमारी ज्यादा प्रभाव डालेगी. इसलिए हर समय सक्रिय रहने की कोशिश करें.
और भी हैं मधुमेह को भगाने के तरीके
– एल्कोहल व धूमपान का सेवन बंद कर दें
– वजन नियंत्रित रखें
-तनाव हावी न होने दें
– अन्य बीमारियों का इलाज समय पर कर लें
इन बातों काे कभी न भूलें
विशेषज्ञों की राय है कि अगर आप हाई रिस्क ग्रुप में हैं। हाई रिस्क ग्रुप यानी कि जिनके घर में किसी को मधुमेह है, जो निष्क्रिय जीवनशैली जीते हैं, धूमपान, एल्कोहल का ज्यादा सेवन करते हैं. इसलिए ऐसे लोग साल में एक बार अवश्य शुगर लेवल की जांच करा लें। खाली पेट 100 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम और खाने के बाद 150 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम होना चाहिए. मधुमेह होने पर स्वयं से दवा न लें। पहले विशेषज्ञ से संपर्क करें और फिर उनकी सलाह पर ही दवा लें.
भोजन में इन बातें का रखें ध्यान
मीठे फलों व मिठाइयों का सेवन न करें
आलू-चावल के सेवन न करें
भरपेट भोजन न करें और देर तक भूखे न रहें
संतुलित आहार लें
दालें व हरी सब्जियों का अधिक सेवन करें
गेहूं में मडुवा व चने का आटा मिलाएं
बादाम भिगाकर खा सकते हैं
भुने चने भी सेहत के लिए ठीक हैं
मखाने का भी सेवन करना लाभदायक रहेगा