पीसीएम, देहरादून। नशावृत्ति का प्रकोप चरम पर पहुंच चुका है. हालात बेकाबू होते जा रहे हैं. इससे न केवल परिवार तबाह हो रहे हैं, बल्कि यह देश की सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा बन गया है. ड्रग्स तस्करों का नेटवर्क अब शहरों तक सीमित नहीं रहा। दूरस्थ गांवों में भी ड्रग्स पहुंचने लगी है. इसके खिलाफ लड़ाई के लिए जहां उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ( CM Pushakr Singh Dhami) ने 2024 तक प्रदेश को नशामुक्त ( Drugs Free) करने का संकल्प लिया है, वहीं अब संसद ( Parliyament)के शीतकालीन सत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह( Central Home Minister) ने भी दो वर्ष में नशे के नेटवर्क को पूरी तरह खत्म करने का वादा किया है. इसके लिए राज्यों के साथ मिलकर एनकाड काम करेगा.
21 दिसंबर, 2022 को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगले दो वर्ष में देश के बड़े ड्रग्स माफिया जेल में हाेंगे. बीएसएफ, एसएसबी, असम राइफल्स, तटरक्षक बल और आरपीएफ को एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज करने का अधिकार दिया गया है. मोदी सरकार केंद्र से लेकर राज्य स्तर पर नशामुक्ति के लिए ढांचा तैयार कर रही है. इस ढांचे के तहत जिला, प्रदेश व केंद्रीय स्तर पर एनकाड यानी नारकोटिक्स कोआर्डिनेशन कमेटी बनाई जा रही है. राज्य स्तर पर इसका गठन भी हो चुका है.
शाह ने कहा कि अभी तक राज्य स्तर पर 32 प्रतिशत जिलों में एनकाड का गठन हो चुका है. जब सभी जिलों में इसका गठन हो जाएगा तो केंद्र तक सूचनाओं का आदान-प्रदान असान हो जाएगा. इसके बाद ड्रग्स तस्करों के खिलाफ कार्रवाई करने में भी आसानी होगी.
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में एक और अहम जानकारी दी है कि 472 जिलों में ड्रग्स तस्करी के रास्तों व उससे जुड़ी जानकारियों की मैपिंग कर ली गई है. यह जानकारी राज्यों के साथ साझा भी कर दी गई है. वैसे भी ड्रग्स के खिलाफ अभियान किसी एक सरकार के जरिये संभव नहीं है. केंद्र व राज्य सरकार की सभी एजेंसियां जब मिलकर एक प्लेटफॉर्म में आकर काम करेंगी तभी अभियान को गंभीरता से चलाया जा सकेगा. तभी हम आने वाली पीढ़ियों का भविष्य बेहतर बना सकेंगे.
शाह ने आगे कहा कि राज्यों में अभी तक 42 मामले एनसीबी को भेजे हैं. यह ऐसे मामले हैं जिनका जाल एक से अधिक राज्यों में फैला हुआ है. पैरामिलिट्री फोर्स के काम करने से सीमा पर ड्रग्स के तस्करों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई संभव हो सकेगी.