अच्छी पर्सनालिटी बनानी है तो न पहनें नकली मास्क
If you want to make a good personality then do not wear fake mask
सामान्य सी बात है, जिसे सहजता से समझा जाना चाहिए। चीजों को हम जितना जटिल बना देंगे, दिक्कतें उतनी बढ़ती जाती हैं। यानी सीधे तौर पर कहें तो व्यक्तित्व और जटिल व कठिन बन जाता है। पर्सनालिटी शब्द लैटिन भाषा के परसोना से बना है। मनोविज्ञान के विद्यार्थी इसे अच्छी तरह पढ़ते-समझते हैं।
परसोना यानी मास्क। इसका मतलब है कि हम जब पर्सनालिटी की बात करते हैं तो चेहरे पर एक तरह का मास्क ही पहन लेते हैं। यानी मूल रूप से हम जो भी हैं, उसके इतर हमारी यह पर्सनालिटी है।
जब हम बॉस की भूमिका में होते हैं। तब हमें बहुत कुछ ऐसा दिखाना होता है कि जैसे हम असल में नहीं होते हैं। जैसे कि थोड़ा गंभीर, कम हंसना-मजाक करना, कड़ा स्वभाव आदि। ऐसा करना भी कुछ हद तक ही सही रहता है। बहुत देर तक बनावटी बने रहने से व्यक्तितव में विकार भी आने लगते हैं।
जब कोई सिपाही युद्ध के मैदान में होता है, तो उस समय उसकी पर्सनालिटी कुछ और हो जाती है। खेल के मैदान में खिलाड़ी जब पहुंचता है तो उसे भी अलग तरह का व्यवहार प्रदर्शित करना पड़ता है। उसे एक तरह का खिलाड़ी होने का मास्क ही पहनना पड़ता है, ताकि विरोधी को प्रभावित कर सके।
पर हम अपना ऐसा व्यवहार या फिर ऐसी पर्सनालिटी को परिवार व मित्रों के समक्ष प्रदर्शित नहीं कर सकते। करना भी नहीं चाहिए। लाभ कम, नुकसान ज्यादा होने लगता है। तब भी हमारी एक तरह की पर्सनालिटी होगी, लेकिन यह पर्सनालिटी प्रभावी और सकारात्मक छाप छोड़ने वाली नहीं होगी।
अब सवाल यह है कि इसके लिए हमें क्या करना चाहिए? पर्सनालिटी वाला मास्क तो जरूरत के अनुसार पहनना तो पड़ेगा ही, लेकिन हमें सजग रहना होगा। अगर सचेत रहेंगे तो हमें पता होगा कि वर्तमान समय में हमारी क्या भूमिका है। इसी अनुसार हमारा व्यवहार होगा। उस समय आपको अपनी पर्सनालिटी का अलग रूप प्रदर्शित करना होगा। अलग तरह का मास्क पहनना होगा। तब दिक्कत नहीं आएगी।
मनोवैज्ञानिकों की राय है कि आपका प्रोफेशन जो भी है, जैसा भी हो, अगर हम सकारात्मक तरीके से मास्क पहनने के तरीके को समझ जाएंगे तो हमारा व्यक्तित्व आकर्षक हो जाएगा। इसलिए बेहतर, शानदार व आकर्षण व्यक्तित्व के लिए नकली मास्क न पहनें।
इसरो में वैज्ञानिक पद पर चयनित हुए जितेश धारियाल का मानना है कि हमेशा अपना असली व्यक्तित्व को ही सामने रखना चाहिए। वह ज्ञान को धन से ज्यादा महत्व देते हैं।