अब आप हैं कुमाउंनी मुहावरों की दुनिया में। जहां की सैर कर आप कुमाऊं ( Kumoun) में होने का एहसास कर सकते हैं। अपनों के बीच संवाद करने का अनुभव कर सकते हैं। एक-एक शब्द आपको पहाड़ी समृद्ध जीवंत परंपरा की अनुभूति कराएगा। है न अच्छी बात। तो अपने चित्त को प्रसन्न करने के लिए आइए प्रसन्नचित्त डाट काम ( www.prasannachitt.com) पर और लीजिए मुहावरों का आनंद।
कुमाउंनी मुहावरों (Kumouni idioms ) को सहेजने का अनूठा काम किया है हिंदी व कुमाउंनी के प्रसिद्ध लेखक प्रो. शेर सिंह बिष्ट ( Professor Sher Singh Bisht ) ने…
भाग-छह
1-काचुइ छोड़न. कैंचुली छोड़ना.
– बहुत स्वस्थ होना.
2-काटी नाख छोपण. कटी नाक ढकना.
– जैसे-तैसे अपनी इज्जत बचाने का प्रयास करना.
3- कान बुज हालण. कानों में ढक्कन लगाना.
-किसी भी अच्छी बुरी बात पर ध्यान नहीं देना.
4- कान लगूण. कान लगाना.
किसी को बातों को छिपकर चुपके से सुनना.
5- काव बाकर जै देखण. काली बकरी जैसा देखना.
किसी से शत्रुतापूर्ण व्यवहार करना.
6- काव मूख करण. काला मुंह करना.
मुंह न दिखाना अथवा किसी का देश निकाला होना.
7-काव हारण. काल हराना.
मृत्यु का भी टल जाना.
8- कावाक दिन पुरयूण. काल के दिन पूरे करना.
अत्यधिक परेशानी की स्थिति में जीवनयापन करना.
9- कुकुरगत हुण. कुत्ते की सी गति होना.
– अत्यंत दयनीय दशा में जीवन बिताना.
10- कौतिक हुण. मेला होना.
अनिष्ट करना.
क्रमश…