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शिवांगी राणा साइकिल से पहुंची नीती व माणा की चोटियां, दिखा जबरदस्त आत्मविश्वास

cycle Riding

प्रसन्नचित्त स्टेट डेस्क। जहां हिमालय की चोटियों में आम लोगों के लिए पैदल व वाहन से पहुंचना मुश्किल रहता है, वहीं उत्तराखंड की एक बेटी ने तीन चोटियां साइकिल से फतह की हैं. देहरादून के जाेगीवाला की रहने वाली शिवांगी राणा ने यह कारनामा कर दिखाया है। शिवांगी का दावा है कि वह ऐसा करने वाली पहली महिला हैं.

मूल रूप से चमोली की मलारी गांव की रहने वाली शिवांगी ने पिछले वर्ष देहरादून से नीति-माणा घाटी साइकिल से पहुंची थी. हिमालय के कठिन दर्रों तक पहुंचने में शिवांगी को पथरीले पहाड़ी रास्तों पर बारिश और भूस्खलन जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ा था.

आत्मविश्वास से लबरेज शिवांगी ने बताया कि उन्होंने 14 अगस्त को जोशीमठ से अपनी यात्रा की शुरुआत की थी. 15 अगस्त को पार्वती कुंड बाराहोती (4700 मीटर) साइकिल से पहुंच गई थी. वहां पर उन्होंने पुशअप भी लगाए.

इसके बाद वह साइकिल से ही 18 अगस्त को नीति पास 5086 मीटर की ऊंचाई पर पहुंची। वहां पर तिरंगा फहराया। वहां से शिवांगी वापस जोशीमठ लौट गई. इस जगह से वह माणा गांव तक वाहन से गईं, लेकिन आगे की 60 किलोमीटर की कठिन व साहसिक यात्रा साइकिल से तय की.

23 अगस्त को शिवांगी माणा पास पहुंची, जो 5632 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. माणा पास को दुनिया का दूसरा सबसे ऊंचा दर्रा माना जाता है. यह क्षेत्र चीन सीमा पर जोड़ने वाले हाई एल्टीट्यूड में स्थित है.

यात्रा पूरी कर देहरादून लौटी शिवांगी ने मीडिया को बताया कि इस अभियान के दौरान उन्हें भारतीय सेना से पूरा सहयोग मिला। यह उनके लिए गर्व की बात है। यह यात्रा बेटियों को हौसला बढ़ाने का संदेश देती हैं.

प्रसन्नचित्त टीम की ओर से शिवांगी को बहुत-बहुत बधाई. वैसे भी साइकिल चलाना बहुत ही लाभदायक है. स्वस्थ और प्रसन्नचित्त रहने के लिए हर किसी को नियमित साइकिल चलाना चाहिए.

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