सर, शादी का नाम सुनते ही कांपने लगता हूं. घबराहट होने लगती हैं. क्या करना चाहिए? जानें मनोचिकित्सक का जवाब
Mental Health
उत्तराखंड के अल्मोड़ा निवासी 31 वर्षीय एक युवक ने यह सवाल किया है. वैसे यह सवाल बहुत ही कॉमन है. तमाम युवा इस तरह की समस्या से जूझते हैं. अपनी समस्या से किसी से शेयर भी नहीं कर पाते हैं. उन्हें शादी के नाम से ही घबराहट होने लगती है. तनाव का स्तर कहीं अधिक बढ़ जाता है. कई बार यह मानसिक स्थिति बहुत अधिक गंभीर भी हो जाती है.
बीडी पांडे अस्पताल नैनीताल व बेस अस्पताल हल्द्वानी के मनोचिकित्सक डा. गिरीश पांडेय इस समस्या काे जनरलाइज्ड एंग्जाइटी डिसआर्डर बताते हैं. ऐसे लोग हमेशा चिंतित रहते हैं. लोगों के बीच जाने से डरते हैं. उनमें आत्मविश्वास की कमी रहती है. यहां तक कि धीरे-धीरे ऐसे लोगों की दिनचर्या भी प्रभावित होने लगती है.
डा. पांडेय सलाह देते हैं कि किसी भी युवा में यह समस्या है तो घबराने की जरूरत नहीं है. खुद ही कुढ़ते रहने और चुपचाप बैठने के बजाए समाधान खोजने पर ध्यान देना चाहिए. सबसे पहले आप अपने स्वजनों व करीबी मित्रों से इस विषय पर चर्चा करें. अगर समाधान नहीं मिल पा रहा है तो आप मनोचिकित्सक व मनोवैज्ञानिक से संपर्क करें. बातचीत के कुछ ही दिनों बाद समस्या का समाधान हो जाता है. जरूरत पड़ती है तो दवाइयां भी दी जाती हैं।
लेकिन सबसे अधिक जरूरी यह है कि आपको समाधान के बारे में सोचना होगा. कोशिश करते रहनी चाहिए कि आप नियमित योग, व्यायाम करें. पौष्टिक भोजन लें. पर्याप्त नींद लें. साथ ही सकारात्मक रहने की कोशिश करें. मन में आने वाले नकारात्मक विचारों को दूर करने की कोशिश करते रहें. न ही नकारात्मक माहौल में जाएं और न ही नकारात्मक लोगों से ज्यादा बातचीत करें. जितना संभव हो ऐसे लोगों से दूरी बना लेनी चाहिए.
मन की किसी भी उलझन को लेकर करें सवाल और पाएं समाधान
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