कहीं आपकी प्यारी सी नींद इन चार कारणों से तो प्रभावित नहीं हो रही है
Sleep Managment
Sleep Managment: प्रसन्नचित्त डेस्क: शारीरिक हो या मानसिक सेहत, दोनों के लिए प्यारी सी नींद जरूरी है. पर आज के इस भागदौड़ भरी जिंदगी में हम दो पल चैन की नींद (Sleep) तक नहीं सो पा रहे हैं। जबकि हमारे पर भौतिक सुख-सुविधाएं बढ़ गई हैं। मनोरंजन के साधन कहीं अधिक हो चुके हैं। यहां तक कि हम पूरी दुनिया से संवाद कर सकते हैं। फिर भी नींद आंखों में आती नहीं, कई बार नींद की गोलियां खानी पड़ती है तो कई बार और उपाय करने पड़ते हैं। और भी तमाम कारण हैं, जिनकी वजह से हमारी नींद गायब होते जा रही हैं और यह स्थिति हमें शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक सेहत पर कमजोर कर रही है। आइए जानते हैं ये छह कारण…
1- ज्यादा व्यस्त दिनचर्या
महिला हो पुरुष, दोनों की दिनचर्या काफी व्यस्त हो गई है. कामकाजी महिलाएं हो या फिर हाउसवाइफ. खुद का बिजनेस हो या फिर नौकरी. आप लोगों की जीवनचर्या अत्यधिक व्यस्त होने के साथ ही अस्त-व्यस्त हो चुकी है. आप सुकून से बैठने के लिए एक घंटा तक नहीं निकाल पाते हैं. आपाधापी के बीच समय मिलने पर सोते भी हैं तो ठीक से नींद तक नहीं आती. 24 घंटे काम में ही व्यस्त रहना ठीक नहीं है.
2- मोटापा
मोटापा भी नींद में खलल डालता है। अधिक वजन होने से न केवल नींद प्रभावित होती है, बल्कि तनाव बढ़ाने वाले हार्मोंस कोर्टिसोल भी स्रावित होते हैं. हर्माेंस भूख बढ़ाते हैं और शरीर मोटा होते जाता है. यहां तक आप कई बार पैक्ड, फास्ट फूड और तली-भुनी चीजों का अधिक सेवन करते हैं। ऐसा भोजन भी आपको चैन से सोने नहीं देता है.
3- चिंता
चिंता को चिता के समान मनाया गया है. जरूरत से ज्यादा चिंता दिन का चैन ही नहीं, बल्कि रात की नींद भी छीन लेती है. आप रात भर करवट बदलते रहते हैं, लेकिन नींद आने की आपकी हर कोशिश बेकार चली जाती है. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय ने शोध में माना है कि नींद (Sleep) न आने का सबसे बड़ा कारण चिंता है. यह भी माना है कि नींद न आने की चिंता से दिक्कतें और बढ़ जाती हैं.
4-मोबाइल का ज्यादा प्रयोग
इस समय नींद प्रभावित होने का सबसे बड़ा कारण बन गया है मोबाइल (Mobile). हर हाथ में मोबाइल और सोशल मीडिया (Social Media) का जरूरत से ज्यादा उपयोग करना है. सोते समय भी जब आप मोबाइल की रोशनी में रहते हैं तो इसकी नीली रोशनी आपकी नींद छीन लेती है. फिर आप काफी देर तक सोने की कोशिश करते हैं, लेकिन नींद नहीं आती. इसके बाद फिर आप मोबाइल देखने लगते हैं. यह समस्या गंभीर होती जा रही है.
सर्वे की रिपोर्ट- कम हो रही नींद
भारत में 2015 में एक सर्वे हुआ था. उस सर्वे के अनुसार 93 प्रतिशत भारतीय नींद की समस्या से ग्रस्त रहते हैं. 72 प्रतिशत भारतीय रात में तीन से चार बार उठते हैं. 87 प्रतिशत भारतीयों ने माना कि नींद की कमी से सेहत खराब है. 57 प्रतिशत ने कहा कि नींद की वजह से आफिस में काम प्रभावित होता है.
1950 में लोग औसतन आठ घंटे की नींद लिया करते थे. 2013 में नींद का यह समय छह घंटे 30 मिनट रहा गया.
जानते हैं आप मुस्कुराने से भी आती है अच्छी नींद, और भी हैं उपाय
मुस्कुराने से आपके शरीर में मेलाटोनिन हार्मोंन बनता है, जो आपको सुकून की नींद में मदद करता है.
शरीर की अच्छी मालिश करने से नींद अच्छी आती है.
रात में बिस्तर पर जाने से पहले ठंडे पानी से हाथ-पांव धोने से नींद बेहतर होती है.
बिस्तर में जाने के बाद निगेटिव बातों से दूर रहने से भी नींद अच्छी आती है.
योग, ध्यान व शारीरिक व्यायाम अच्छी नींद की बेहतरीन दवाइयां हैं.