उत्तराखंड में डेंगू का डंक हो रहा घातक, इन छोटी सी सावधानियाें से आपको नहीं छू पाएगी बीमारी
Uttrakhand Health News
Uttrakhand Health News प्रसन्नचित्त स्टेट डेस्क : प्रदेश में कोरोना के बाद अब डेंगू का खतरा बढ़ गया है. आए दिन अस्पतालों में डेंगू मरीज पहुंच रहे हैं. लोग बचाव को लेकर अब भी लापरवाही बरत रहे हैं. डाक्टरों की सलाह है कि अगर आप बचाव के लिए थोड़ी सी मेहनत करते हैं तो बीमारी आपको छू भी नहीं पायेगी. वहीं प्रदेश में अब तक 200 से अधिक लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है.
एनएचएम एमडी ने महामारी को रोकने को जारी किए दिशा-निर्देश
एनएचएम (NHM) के मिशन डायरेक्टर डॉ. आर राजेश कुमार ( Dr R Rajesh Kumar, IAS) ने सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों ( CMO) को डेंगू बीमारी की रोकथाम को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने लिखा है कि डेंगू रोग राज्य में एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या के रूप में परिलक्षित हो रहा है. इसलिए हर स्तर पर रोकथाम के प्रयास जरुरी हैं.
आगे लिखते है, उत्तराखण्ड शासन ( Uttrakhand Govrment) की ओर से डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए दिये गये दिशा-निर्देश आपको आवश्यक कार्रवाई करने के लिए प्रेषित किये गये थे. इसी कड़ी में आपको निर्देशित किया जाता है कि नगर निगम, नगर पालिका व ग्राम पंचायतों के साथ समन्वय में कार्य करें.
स्वास्थ्य अधिकारी टीमों का गठन कर दैनिक रूप से प्रभावित क्षेत्र में लार्वा को नष्ट करने की गतिविधियां तेज कर दें. साथ ही सोर्स डिडेक्शन, फॉगिंग, कीटनाशक छिड़काव, जन जागरूकता अभियान चलाएं. इसकी जानकारी हर दिन मेल पर उपलब्ध करा दी जाए.
तीर्थनगरी ऋषिकेश में तेजी से बढ़ रही बीमारी
ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में भी डेंगू का डंक और तेज हो रहा है. मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. सरकारी अस्पताल की ओपीडी में पिछले दो सप्ताह से तेज बुखार, सिरदर्द की शिकायत, मांसपेशियों, जोड़ों में दर्द और त्वचा पर लाल चकत्ते की शिकायत लेकर मरीज लगातार आ रहे हैं। डॉक्टर डेंगू की आशंका के चलते मरीजों को पैथोलॉजी जांच कराने की सलाह दे रहे हैं.
2019 में हो गया था बुरा हाल, मरीजों से पट गए थे हल्द्वानी व देहरादून के अस्पताल
वर्ष-2019 में उत्तराखंड में डेंगू महामारी का रूप ले चुका था. हल्द्वानी व देहरादून के अस्पताल मरीजों से पट गए थे। प्लेटलेट्स मिलने मुश्किल हो गए थे. नैनीतील जिले में सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 39 लोगों की मौत हो गई थी। पांच हजार मरीज प्रभावित हुए, जबकि हकीकत में मरीजों की संख्या कई गुना अधिक थी.
ये हैं डेंगू के लक्षण
उल्टी लगना
आंखों के पीछे दर्द
ग्रंथियों में सूजन
सिर दर्द
मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
जी मिचलाना
त्वचा पर लाल चकत्ते होना
जानें डेंगू होने पर तीन तरह का बुखार
हल्द्वानी के वरिष्ठ फिजीशियन डा. दिनेश चंद्र पंत ने बताया कि डेंगू में तीन प्रकार के बुखार की समस्या रहती है, जिनसे व्यक्ति को खतरा होता है, जो इस प्रकार हैं, हल्का डेंगू बुखार, डेंगू रक्तस्रावी बुखार और डेंगू शॉक सिंड्रोम.
हल्का डेंगू बुखार . इसके लक्षण मच्छर के डंक के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं।
डेंगू रक्तस्रावी बुखार . लक्षण हल्के होते हैंए लेकिन धीरे.धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो सकते हैं.
डेंगू शॉक सिंड्रोम . यह डेंगू का एक गंभीर रूप है और यहां तक कि यह मौत का कारण भी बन सकता है.
ये है डेंगू का उपचार
डेंगू बुखार का कोई विशेष उपचार नहीं है, क्योंकि डेंगू एक वायरस है। यथासमय देखभाल से मदद मिल सकती है, जो कि इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी कितनी गंभीर है. औषधि के रूप में टायलेनोल या पैरासिटामोल जैसी दर्द निवारक दवाएं आमतौर पर रोगियों को दी जाती हैं. गंभीर डिहाइड्रेशन के मामले में कभी-कभी आईवी ड्रिप्स प्रदान की जाती हैं.
इन बातें को ख्याल रखें
हाइड्रेटेड रहें : यह महत्वपूर्ण है कि हमारे शरीर के अधिकांश तरल पदार्थों का उल्टी और तेज बुखार के दौरान ह्रास हो जाता है. तरल पदार्थों के लगातार सेवन से यह सुनिश्चित हो जाता है कि शरीर आसानी से डिहाइड्रेट नहीं होगा.
स्वच्छता : स्वच्छता का अत्यधिक महत्व है, तब तो और भी ज्यादा जब आप स्वस्थ नहीं होते हैं. मरीज यदि नियमित स्नान नहीं कर सकता तो स्पंज से स्नान का विकल्प चुन सकता है.
उपचार और बचाव का ये है तरीका
शोधकर्ता अभी भी डेंगू बुखार के लिए एक विशिष्ट इलाज खोजने पर काम कर रहे हैं. डेंगू बुखार के उपचार में एसिटामिनोफेन टैबलेट के साथ दर्द निवारकों का प्रयोग शामिल है. इसके अतिरिक्त आपका डॉक्टर आपको खूब तरल पदार्थ पीने और आराम करने की सलाह देगा. सबसे अच्छा तरीका रोकथाम है. नीचे कुछ क्रियाकलाप बताए जा रहे हैं. जिन्हें आप वायरस से खुद को सुरक्षित रखने के लिए अपना सकते हैं.
शरीर को खुला न छोड़ें : अपने शरीर की सतहों को ढकने के लिए लंबी पैंट और पूरी बाजू की शर्ट पहनने की कोशिश करें. डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक सक्रिय होते हैं. इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें.
मच्छर रोधी क्रीम : डाइथाइलटोलुआमाइड के कम से कम 10 प्रतिशत कंसंट्रेशन वाला रेपेलेंट प्रभावी रहता है. लंबे समय तक जोखिम हो तो फिर उच्च कंसंट्रेशन वाले रेपलेंट की आवश्यकता होती है. मच्छरों को दूर रखने के लिए आप रोजाना ऐसी क्रीम लगा सकते हैं.
स्वयं को स्वच्छ रखें : जब आप किसी वायरस से संक्रमित होते हैं, तो आप अन्य बीमारियों के प्रति अतिरिक्त संवेदनशील हो जाते हैं. अच्छी कंपनी के साबुन इस्तेमाल करें. ठहरे हुए पानी को कीटाणुरहित करें. एडीज मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है. पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें और यदि आवश्यक हो तो एक उचित कीटाणुनाशक का उपयोग करें. मच्छरों के लिए एक प्रजनन आधार विकसित करने की संभावनाओं को कम करने के लिए ऐसे किसी भी बर्तन या सामान को उल्टा करके रखें. जिसमें पानी इकट्ठा हो सकता है और सतहों को अच्छी तरह से साफ करें।