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उत्तराखंड में अब घर-घर जाकर देखे जाएंगे मरीज, मिलेंगी दवाइयां और भी बहुत कुछ

UTTRAKHAND HEALTH UPDATE

Uttrakhand Health Update : प्रसन्नचित्त डेस्क: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए लगातार प्रयोग हाे रहे हैं। फिर भी अपेक्षित परिणाम नहीं मिल रहा है. एक बार फिर स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत (Health Minister Dr. Dhan Singh Rawat ) ने सुकून देने वाला बयान दिया है.

उनका कहना है कि अब उत्तराखंड में आम लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम घर घर जाकर स्क्रीनिंग करेगी. मरीजों का शुगर, ब्लड प्रेशर, कैंसर सहित गंभीर बीमारियों की जांच की जाएगी. यहां तक कि मोतियाबिंद ऑपरेशन, नेत्रदान अभियान के बारे में जागरूक करने के साथ ही आयुष्मान कार्ड और डिजिटल हेल्थ आईडी के बारे में भी लोगों को बताया जाएगा.

स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत (Health Minister Dr. Dhan Singh Rawat ) ने सात सितंबर, 2022 को स्वास्थ्य महानिदेशालय में जन आरोग्य अभियान का शुभारंभ किया. एक महीने तक संचालित होने वाले इस अभियान के तहत लोगों की स्क्रीनिंग की जाएगी. हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) अपने-अपने क्षेत्र के 10-10 गांवों में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे.

डॉ. रावत ने कहा कि, सरकार ने घर-घर जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ ही उनका इलाज करने का निर्णय लिया गया है. हेल्थ एंड वैलनेस सेंटरों पर तैनात 940 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को गांवों में जाकर स्वास्थ्य परीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं.

स्वास्थ्य मंत्री का कहना था कि सीएचओ गांव में आने से चार दिन पहले ग्राम प्रधान और आशा कार्यकत्रियों को सूचना देंगे, जिससे कि संबंधित केंद्रों में अधिक से अधिक लोग पहुंच सकें। अधिक से अधिक लोगों का समय पर स्वासथ्य परीक्षण हो जाएगा तो राहत मिलेगी। समय पर इलाज करा सकेंगे.

प्रभारी स्वास्थ्य सचिव कहते हैं, घर तक पहुंचाई जाएगी दवाइयां

प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ( Health Secretary dr R Rajesh Kumar) को यह जिम्मेदारी कुछ समय पहले ही मिली है. वह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एनएचएम के एमडी भी हैं. जुलाई तीसरे सप्ताह, 2002 को मीडिया को जारी बयान में आर राजेश कुमार का कहना है कि प्रदेश में 35 स्वास्थ्य केंद्र टेली मेडिसिन सेवाओं से जुड़े हैं। इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी.

प​हाड़ के दुर्गम क्षेत्रों में टेली मेडिसिन के माध्यम से मरीजों को बेहतर इलाज की सुविधा दी जाएगी. साथ ही लंबे समय से बीमारी का इलाज करा रहे मरीजों को घर पर जरूरी दवाईयां पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा. अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी के लिए अधिकारियों की एक क्विक रिस्पांस टीम बनाई जाएगी. जो अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेंगे. अस्पतालों में अधिकारियों व कर्मचारियों समय पर पहुंचे। इसके लिए दैनिक उपस्थिति पर भी ध्यान दिया जाएगा. इस निरीक्षण से अल्ट्रासाउंड व अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं की सही स्थिति का पता चल सकेगा.

टेलीमेडिसन से घर पर मानसिक बीमारियों का इलाज
27 अगस्त, 2022 को चिकित्सा शिक्षा व स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत बेंगलुरु दौरे पर गए थे. उन्होंने उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने को लेकर कर्नाटक के बेंगलुरु स्थित नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस (NIMHANS) के अधिकारियों के साथ चर्चा की. उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा था कि निम्हांस के साथ मिलकर काम किया जाएगा. इसके लिए जल्द ही उत्तराखंड सरकार करार करने जा रही है. इसके तहत उत्तराखंड के दूरदराज क्षेत्रों के गंभीर मरीजों का टेली मेडिसिन सेवा के जरिये उपचार मिलेगा. राष्ट्रीय स्तर के शोध, उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ भी शैक्षणिक करार होगा.
उन्होंने कहा था कि कर्नाटक में टेलीमेडिसिन के जरिये मेंटल हेल्थ और न्यूरो से जुड़ी बीमारियों का बेहतर इलाज हो रहा है। राज्य में भी इसे शुरू करने को करार किया जाएगा.

कैसे होगा यह संभव
सरकार के मंत्री व प्रभारी सचिव के बयानों से राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की उम्मीद जगती है, लेकिन यह काम इतना आसान नहीं है. पहले भी ऐसे तमाम प्रयास हुए हैं. नीतियां बनी हैं. पर उनके क्रियान्वयन को लेकर खास ध्यान नहीं दिया गया. इस सरकार में हम उम्मीद करते हैं कि मंत्री व प्रभारी सचिव योजना को धरातल पर उतारने के लिए क्रियान्वयन पर खास ध्यान देंगे, जिससे की इलाज के लिए तड़पने वाले राज्य के मरीजाें को बेहतर सुविधा उनके घर के आसपास ही उपलब्ध हो सके.

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