गजोदर्शन

प्रसन्नता के लिए पैसों से ज्यादा समय क्यों है महत्वपूर्ण? पढ़ें शोध पर आधारित जानकारी

Gajodarshan: Happiness & Money

Happiness: प्रसन्नचित्त डेस्क। अगर आपके पास अकूत संपत्ति है, लेकिन अपने लिए भी समय नहीं है तो उस धन का क्या लाभ. इसलिए समय को हमेशा धन से अधिक महत्वपूर्ण बताया गया है. यहां तक दुनियाभर में तमाम शोध भी इस संबंध में हो चुके हैं.आइए जानते हैं धन व समय के बीच क्या है संबंध?

यूनिवर्सिटी ऑफ कोलंबिया (university of Columbia) के एक हजार से अधिक छात्रों पर अध्ययन किया गया. इस अध्ययन में पाया गया कि पैसे की तुलना में समय का महत्व देना जीवन को ज्यादा खुशहाल बना सकता है. इतना ही नहीं, इस शोध में यह भी देखा गया कि काॅलेज के दिनों में पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण मानने वाले छात्र कुछ वर्ष बाद अन्य की तुलना में कम खुश पाए गए.

मन से प्रसन्नता का संबंध

द हाउस ऑफ हैप्पीनेस( The House Of Happiness) की लेखिका सोजा यूबोमस्र्की मानती हैं कि कुछ लोगों का स्वभाव अन्य लोगों की तुलना में अधिक खुशमिजाज होता है. ऐसे लोगों के जीवन में पैसे की भूमिका समिति होती है. आसपास की परिस्थितियां उनके जीवन में थोड़ा असर डालती हैं। अगर ऐसे लोगों की सामान्य आवश्यकताएं पूरी हो जाएं तो ये लोग अन्य बातों की चिंता नहीं करते हैं. बेचैन व परेशान नहीं रहते हैं.

मदद करना भी देता है खुशी

भारतीय जीवनशैली कहें या फिर भारतीय दर्शन( Indian Philosophy) , जिसमें सहयोग की भावना को महत्व दिया गया है. कहा गया है कि इंसानों को दूसरों की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए. अगर हमारे सहयोग से किसी के जीवन में प्रसन्नता का कोई क्षण आता है तो इससे हमें कई गुना अधिक खुशी मिलती है.

अमेरिकन नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अध्ययन में पाया गया है कि किसी की भी सहायता करने से शरीर में एंडोर्फिन हार्मोन का स्राव होता है. इसे हैप्पीनेस हार्मोन भी कहा जाात है. हमारे जीवन में इसी हार्मोन का प्रभाव है कि किसी की मदद करने से प्रसन्नता, खुशी का अनुभव होने लगता है.

अब बात करते हैं अपने मूल सवाल की. प्रसन्नता के लिए पैसों से ज्यादा समय क्यों है महत्वपूर्ण? इसका जवाब हमें अर्थशास्त्र में नोबेल जीत चुके डेनियल कानमैन और एंगस डीटन के 2010 में किए अध्ययन से भी मिलता है. इन्होंने दो पहलुओं का आकलन किया. पहला, प्रतिदिन का जीवन खुशी, नाराजगी, गुस्सा, तनाव पर पैसे से क्या प्रभाव पड़ता है. दूसरा, व्यक्ति जीवन का अाकलन करते समय अपनी स्थिति को लेकर जो आकलन करता है, उस पर आर्थिक संपन्नता का क्या प्रभाव पड़ता है? अध्ययन में पाया गया कि 75 हजार डालर की वार्षिक आय तक आर्थिक संपन्नता के साथ खुशी बढ़ जाती है. इस समय यह मूल्य करीब 90 हजार डालर तक है. इस आय के बाद व्यक्ति पर पैसों का खास प्रभाव नहीं पड़ता है. यह भी है कि इससे अधिक पैसे बढ़ने पर खुशी नहीं बढ़ती है, लेकिन कम होने पर खुशी कम होने लगती है.

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